राखी के दिन बहना भाई की भगवान से लंबी उम्र चाहती है
कच्चे धागे से सुरक्षा,समृद्धि,सफलता,समपंता बांध जाती है
भाई बहन का,बहन भाई के गले का हार,दिल मे उतर जाती है
आके भाई के घर,पाके उसकी कलाई,बहन फुलॉ नहीं समाती है
दुनिया मे बस यंही भाई बहन के प्यार की ये गाथा गयी जाती है
नारी की पुजा,बेटी का मान,राखी मे बहन की शोभा बढ़ायी जाती है
देश के वीर सिपाहियों को तिलक लगा कलाई पे राखी बांधि जाती है
भाषा,रंग,धर्म,जाती,रूप छोड़ एक बहना,भाई के गले मिल जाती है
राखी नहीं तार,आज भाई की रक्षा की आरजू रब से बहन कर जाती है
शत नमन राखी को,इसमे हमारे बहन बेटी की इज्जत बढ़ायी जाती है 
सीख लो हमसे ऐ जहां,सिर्फ यंही बस इस तरह की रीत निभाई जाती है
भाई बहन का ऐसा प्यार,स्नेह,लगाव राखी मे हर घर मे नजर आती है 

              

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